क्या आप भी बहुत ज्यादा सोचते हैं ? क्या ज्यादा सोचना आपकी रातों की नींद हराम कर रहा हैं ? इसका मतलब आप भी ओवरथिंकिंग के शिकार हैं। क्या आप जानते हैं ओवरथिंकिंग कई तरह की मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं को पैदा करने और बनाए रखने का एक बड़ा कारण बन सकती है। साथ ही फिजिकल हेल्थ पर भी बुरा असर डालती हैं ।
पढ़िए ओवरथिंकिंग के कारण हेल्थ पर पड़ने वाले असर
ओवरथिंकिंग ले जा सकती हैं आपको डिप्रेशन में (Overthinking can cause depression)
ज्यादा सोचना अक्सर ही निगेटिव थिंकिंग से जुड़ा होता हैं, ओवरथिंकिंग उदासी और निराशा जैसे इमोशंस को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है, जिससे यह आगे जाकर डिप्रेशन जैसी सीरियस कंडीशन पैदा होने का कारण भी बन सकता हैं।
ओवरथिंग के कारण नहीं लगता किसी काम में ध्यान ( Overthinking decreases Concentration )
ज़्यादा सोचना दिमाग पर हावी हो सकता है, जिससे रोजमर्रा के कामों पर ध्यान लगाए रखना मुश्किल हो जाता है। लगातार पास्ट की किसी बात को दिमाग में दोहराना या फ्यूचर के बारे में टेंशन लेना आपका सारा ध्यान खींच सकता है, जिससे जाहिर तौर पर प्रोडक्टिविटी में कमी आती है ।
हमेशा थका हुआ महसूस करना रिजल्ट हैं ओवरथिंकिंग का (Overthinking makes you feel Tired )
बहुत ज्यादा सोचने से होने वाला मेंटल प्रेशर इंसान व्यक्ति की एनर्जी को खत्म कर सकता है, जिससे लगातार थकान और सुस्ती आ जाती है। लगातार थकान होना रोज के कामकाज को खराब करती है, नींद के पैटर्न को डिस्टर्ब कर सकती है।
ओवरथिंकिंग से जन्में स्ट्रेस से आ सकता हैं पैनिक अटैक ( Overthinking can lead to Panic Attack)
ज्यादा सोचना स्ट्रेस से जुड़ा हुआ है, क्योंकि फ्यूचर के बारे में सोचते रहना और रिज़ल्ट की परवाह करते रहने से स्ट्रेसफुल थॉट्स आते हैं जो की बॉडी पर नेगेटिव इफेक्ट डालते हैं। इससे पैनिक अटैक या अन्य स्ट्रेस से जुड़ी दिक्कत भी हो सकती हैं। जो आगे जाकर आपकी लाइफ क्वालिटी पर असर डालता है।
ओवरथिंकिंग से बिगड़ रहीं हैं आपकी इमोशनल हेल्थ (Overthinking effects your Emotional Health)
ज्यादा सोचने से आने वाले नेगेटिव थॉट्स इंसान में चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग होने जैसी कंडीशन बना सकते हैं। ओवरथिंकिंग के कारण आप छोटी छोटी बातों पर भी रिएक्ट करने लगते हैं जो की आपकी इमोशनल हेल्थ पर बुरा असर डालता हैं।
स्लिप साइकिल को डिस्टर्ब कर देती हैं ओवरथिंकिन्ग (Overthinking disturbs your Sleep cycle )
ओवरथिंकिंग नींद के पैटर्न पर बुरा असर डाल सकता है, जिससे दिमाग को शांत करना औरvअच्छी नींद लेना मुश्किल हो जाता है। सोते वक्त थॉट्स और स्ट्रेस दोनों ही बढ़ते हैं जो इंसान को जगाए रखता है इसका रिजल्ट नींद की कमी, पूरा दिन थकान रहना हो सकता हैं।
ओवरथिंग जन्म दे सकता हैं पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) को ( Overthinking can cause PTSD)
पास्ट से जुड़ी कुछ घटनाओं या बुरे एक्सपीरियंस के बारे में बहुत ज्यादा सोचने या ओवरथिंक करना PTSD होने के चांसेज बढ़ा सकता है, ऐसी स्थिति में फ्लैशबैक और बुरे सपने आना आम बात हो जाती हैं।