जो लोग इमोशनली हेल्थी होते हैं वे अपने थॉट्स, इमोशंस और बिहेवियर पर अच्छे से कंट्रोल रखते हैं। वे लाइफ में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए कैपेबल होते हैं। इस लोग प्रॉब्लम को ठीक से एनालाइज करते हैं साथ ही फेल्योर से जल्दी उबर भी सकते हैं। इसे लोग अपने आप को लेकर पॉजिटिव बने रहते हैं, अपने बारे में अच्छा महसूस करते हैं और उनके दूसरे लोगों से रिलेशनशिप भी हेल्थी होते हैं।
आपकी इमोशनल हेल्थ उतना ही मैटर करती हैं जितना कि आपकी फिजिकल हेल्थ। और फिर भी, हममें से कई लोग अपनी इमोशनल हेल्थ को अधिकतर इग्नोर ही करते हैं। हम इसे ऑटोपायलट मोड़ पर छोड़ देते हैं और फिर यह उम्मीद लगाते हैं की सबकुछ बेस्ट ही होगा। या फिर ऐसा होता हैं कि हम अपनी इमोशनल हेल्थ पर तभी फोकस करते हैं जब हम किसी प्रोब्लम में फंसे होते हैं। या हम उन चीज़ों को प्रायोरिटी नहीं देते जो हमें खुशी देती हैं, हमे अच्छा फील करने में मदद करेंगी।
इस ब्लॉग में कुछ ऐसे तरीके हैं जिन्हें लगातार अपनाए जाने पर आपकी मेंटल या इमोशनल हेल्थ में पॉजिटिव चेंज किए जा सकते हैं।
1) पास्ट में हुई मिस्टेक्स के लिए खुद को करे माफ।
अब वो टाइम आ गया है कि जब आप उन चीजों के लिए खुद को कोसना बंद करें जो आपने कई सालों या महीनों पहले गलत कीं थी, ऐसी ऑपर्टिनिटीज जो आपके हाथ से निकल गई, कई सारी चीज़े जो आप नहीं जानते और खुद को बहुत पीछे छूटा मानते हैं । हम सभी को किसी न किसी चीज का मलाल यानी रिग्रेट जरूर होता है, लेकिन उनके बारे में बार बार सोचने से हम बेकार में ही खुद पर एक बोझ सा महसूस करते जाते हैं। खुद को माफ करना आपकी गलतियों को एक्सेप्ट करने, अगर मुमकिन हो तो उन्हें सुधारने, अपनी गलतियों से सीखने और पास्ट के बजाय प्रेजेंट और फ्यूचर पर फोकस करने का डिसाइड करने से शुरू होती है।
2) खुद के साथ प्यार भरा रिलेशनशिप डेवलप करें
हममें से ज्यादातर लोगों के लिए, खुद को लेकर sympthy रखने से आसान होता है दूसरों के साथ sympthy दिखाना – यहां तक कि अजनबियों के लिए भी – । हम खुद के लिए हाई स्टैंडर्ड सेट कर लेते हैं और सेल्फ केयर कहीं पीछे छोड़ देते हैं। इमोशनली हेल्थी होने के लिए पहले खुद को खुद से जोड़ना होगा, खुद की वैल्यू समझना होगी और खुद को अपना सबसे अच्छा फ्रेंड बनाना होगा। खुद पर हद से जायदा स्ट्रिक्ट होने और काम के चक्कर में रेस्ट को इग्नोर करने के बजाए खुद को me time दें।
3) एंजॉय करना सीखें
हॉबीज, खेलना और हँसी-मजाक सभी हमारे मेंटल और इमोशनल हेल्थ के लिए बहुत अच्छे हैं। इसलिए अपने दिनभर के to-do लिस्ट में ऐसी एक्टिविटीज को शामिल करें जो आप केवल एंजॉयमेंट के लिए करते हैं।
4) ट्रस्ट करे खुद पर
खुद पर ट्रस्ट करने के लिए, हमें लगातार अपनी सेल्फ नीड्स को पूरा करना चाहिए; हमें जरूरत के टाइम खुद को लेकर sympthy और रेस्ट करने को प्रायोरिटी दे। जब आप खुद को वैल्यू देंगे तब आप खुद के लिए बेस्ट करने हो तैयार हो पाएंगे और खुद पर एक ट्रस्ट बना रहेगा।
शुरुआत एक छोटे से कम से करें यह डिसाइड करें कि आपको बिना रुके बिना किसी शिकायत के किसी बहाने के यह काम करना ही है और जब आप यह टास्क पूरा करेंगे तो कॉन्फिडेंस बनना शुरू हो जाएगा। जैसा की यह डिसाइड करें कि आपको रात में 10:00 बजे सोने जाना है तो हमेशा इस टाइम पर सोने की कोशिश करें।
5) रेस्ट को प्रायोरिटी दें
रेस्ट करना जरूरी हैं फिजिकली और इमोशनल हेल्थ दोनों के लिए। फिर भी, बहुत से लोग रेस्ट को इग्नोर करते है, फिर प्रोडक्टिव न होने के लिए खुद को कोसते हैं। रेस्ट करने और मेंटल ब्रेक लेने से प्रोडक्टिविटी, मेमोरी, क्रिएटिविटी और फिक्स सब में इज़ाफा होता हैं।
6) बाउंड्रीज सेट करें।
बाउंड्रीज बनाना आपके टाइम, इनर और पर्सनल डिफेंस में मदद करती हैं। उसे आपकी एक्सपेक्टेशन क्लियर होती है और दूसरे लोगों को आपको समझने में हेल्प मिलती है। बाउंड्रीज सेट करना सीखना एक स्किल हैं जिसे प्रैक्टिस से सीखा जा सकता हैं ।आपको क्या चाहिए, आप कैसा बिहेवियर चाहते हैं, इसकी पहचान करे और खुद को याद दिलाएं कि आपकी ज़रूरतें सही हैं और प्रायोरिटी देना जरूरी हैं।
7) नेगेटिव इंसीडेंट को लेट गो करना सीखें
क्या आप गुस्से और द्वेष को पाले हुए हैं? यह आपकी उस एनर्जी को खींच लेता है जिसका इस्तेमाल आप जायदा पॉजिटिव और प्रोडक्टिव कामों के लिए कर सकते हैं। गुस्से को भूलने का मतलब यह नहीं है कि आप माफ कर रहे हैं या किसी ऐसे इंसान के साथ रिलेशनशिप जारी रखना चुन रहे हैं जिसने आपको हर्ट किया है। इसका मतलब सिर्फ इतना है कि आप नेगेटिव थॉट्स और इमोशंस में मेंटल एनर्जी वेस्ट नहीं करना चाहते ।
8) नेगेटिव और सपोर्ट न करने वाले लोगों को कहें गुडबाय ।
कोई भी रिलेशनशिप चाहे अच्छा हो या बुरा हो उससे जुड़ी मेमोरीज अच्छी हो या खराब हो ऐसे किसी भी रिलेशनशिप को तोड़ना हमें दुख तो पहुंचता ही है। ऐसे लोगों के साथ टाइम स्पेंड करना जो लगातार नेगेटिव हो क्रिटिसाइज करते हो और किसी भी तरह आपको सपोर्ट नहीं करते हैं आपका स्ट्रास और डिप्रेशन बढ़ा आगे चलकर यही अपने गोल्ड को अचीव करने और खुद की सेल्फ केयर करना मुश्किल बन सकता है।
कभी-कभी ऐसे लोगों के साथ रिलेशनशिप को खत्म कर देना ही हमारे मेंटल और इमोशनल हेल्थ को अच्छा बनाए रखने का एकमात्र तरीका होता है साथी ऐसे रिश्तों या रिलेशनशिप को खत्म कर देने से नए रिश्तों रिलेशनशिप हेल्दी रिलेशनशिप के लिए जगह भी बनती है।
9. अपने इमोशंस को बिना जज किए एक्सेप्ट करें।
कितनी बार ऐसा होता है कि हम हमारी इमोशंस को इग्नोर करते हैं उन्हें दबाने की कोशिश करते हैं या खुद को यह कहते रहते हैं कि आपकी इमोशंस गलत हैं। आपके जो इमोशंस है वह एक तरह से किसी न किसी तरह का मैसेज है जो आपको कुछ जरूरी बताने की कोशिश कर रहे हैं और जब आप उन्हें इग्नोर करते हैं तो हेल्थ से जुड़ी समस्याएं ज्यादा खाने पीने जैसी अनहेल्दी हैबिट्स और स्ट्रेस में बढ़ोतरी होती है। इसके बजाय, अपने इमोशंस के लिए जगह बनाएं। बिना जज किए उन्हें एक्सेप्ट करें। अपने इमोशंस को समझने के लिए एक्साइटिड रहे यह जानने की कोशिश करें कि आप ऐसा फील क्यों कर रहे हैं और यह हमेशा याद रखें कि इमोशन हमेशा के लिए नहीं रहते यह टेंपररी होते हैं।
10) ले अपनी लाइफ की रिस्पांसिबिलिटी।
आपको हर्ट किया हो कई सारे तरीकों से आपको आगे बढ़ने से रोका हो चाहे कुछ भी हो आखिर में आप अपनी लाइफ के लिए खुद ही जिम्मेदार होते हैं यह याद रखें कि किसी भी किसी भी कंडीशन में किसी भी वक्त में दूसरों को या कंडीशन को दोष देना आपकी लाइफ को अच्छा बनाने में किसी तरह से हेल्प नहीं करता।
इसलिए बेहतर यही है कि अपनी मिस्टेक को एक्सेप्ट करें अपनी प्रॉब्लम्स के लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहरने से बचे और खुद को विक्टिम या बेचारा दिखाने से दूर रहे ।जो चीज़े काम नहीं कर रही उससे सीखें और जो आप कर सकते हैं उसे बदलने की responsibilityलें।
11) उस पर फोकस करें जिसे आप कंट्रोल कर सकते हैं।
लाइफ में कई चीजें हमारे कंट्रोल में नहीं हैं, खासकर दूसरे लोग क्या सोचते और करते हैं। और जब हम अपना टाइम और एनर्जी उन लोगों या स्टिचुएशंस को बदलने की कोशिश में लगाते हैं जो हमारे कंट्रोल से परे हैं, तो हम आखिर में disappoint ही होते हैं। हम क्या कंट्रोल कर सकते हैं और क्या नहीं, इसे समझना और फिर अपने थॉट्स और बिहेवियर को बदलने पर फोकस करना ही सही है।