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11 Things emotionally strong people do

1. ऐसे लोग चेंज को एक्सेप्ट करते हैं

इमोशनली और मेंटली रूप से स्ट्रांग लोग चेंज यानी बदलाव को स्वीकार करने वाले होते हैं या बदलती हुई परिस्थितियों के अनुसार अपने आप को ढाल सकते हैं वे जानते हैं कि बदलाव से डर उन्हें पंगु बना देता है , चेंज के साथ आने वाली कई ऑपर्च्युनिटी जो ग्रोथ और सक्सेस के लिए जरूरी हैं वे उन्हें खो देंगे, साथ ही यह उनकी खुशी के लिए एक बड़ा ख़तरा है। समय आने और जरूरत पड़ने पर ऐसे लोग खुद को बदलने और अपनी लाइफस्टाइल या काम करने के तरीक़े को बदलने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। जब आप चेंज को एक्सेप्ट करते हैं तभी आप उसमें अच्छाई ढूंढ पाते हैं।  अगर आप चेंज से पैदा होने वाली ऑपर्च्युनिटी को पहचानना चाहते हैं और उनका फायदा उठाना चाहते हैं तो आपके पास खुला दिमाग और खुली बाहें होनी चाहिए।

2. वे उन चीज़ों पर एनर्जी वेस्ट नहीं करते जिन्हें वे कंट्रोल नहीं कर सकते

आपने इमोशनली और मेंटली स्ट्रांग पर्सन को सामान खोने या ट्रैफिक जाम में फस जाने की कंप्लेन करते नहीं सुना होगा क्योंकि उन्हें पता हैं कि ये चीज उनके कंट्रोल के बाहर हैं, इसके बजाय वे इस बात पर फोकस  करते हैं कि वे अपनी लाइफ में क्या कंट्रोल कर सकते हैं। ऐसे लोग ये मानते हैं कि कभी-कभी, केवल एक चीज जिसे वे कंट्रोल कर सकते हैं वह है उनका एटीट्यूड।

3.  वे हर किसी को खुश या प्लीज करने के बारे में नहीं सोचते

इमोशनली और मेंटली स्ट्रांग लोग मानते हैं कि उन्हें हर वक्त हर किसी को खुश करने की ज़रूरत नहीं है।  वे जरूरत पड़ने पर ना कहने या बोलने से नहीं डरते।  इस तरह के लोग kind होते हैं और किसी की साइड ना लेने का ट्राई करते हैं,  ओर ऐसा करते हुए वे दूसरे लोगों को खुश नहीं कर पाए तो वे परेशान भी नहीं होते हैं।

4. वे कैलकुलेटेड रिस्क लेने से नहीं डरत

इमोशनली या मेंटली स्ट्रांग लोग लापरवाह या जोश में आकर बेवकूफी भरे रिस्क नहीं लेते हैं, लेकिन कैलकुलेटेड रिस्क लेने से भी कभी डरते नहीं हैं। ऐसे लोग कोई बड़ा डिसिशन लेने से पहले आने वाली रिस्क और प्रॉफिट लॉस के बारे में सोचने करने में टाइम इन्वेस्ट करते हैं, और किसी भी काम को एक्जीक्यूट करने से पहले उन्हें आने वाले नेगेटिव रिजल्ट के बारे में पता होती है।

5. वे पास्ट पर ध्यान नहीं देते

इमोशनली और मेंटली स्ट्रांग लोग पास्ट के बारे में सोचकर टाइम वेस्ट नहीं करते ।  वे अपने पास्ट को एक्सेप्ट करते हैं और कह सकते हैं कि उन्होंने इससे कुछ और क्या सीखा है। ऐसे लोग अपने पास में या उससे जुड़ी कुछ बुरी मेमोरीज के बारे में हमेशा सोचते ही नहीं रहते और ना ही हमेशा पॉजिटिव सपना या इमोशन इमेजिनेशन के बारे में सोचते रहते हैं बल्कि ऐसे लोग प्रेजेंट में जीना पसंद करते हैं जो अभी हो रहा है उसे पर ध्यान देते हैं और आने वाले अच्छे फ्यूचर के लिए प्लानिंग करते हैं।

6. वे फेल्योर से डरते नहीं उसे एक्सेप्ट करते हैं

इमोशनली ए मेंटली रूप से स्ट्रांग लोग फैलियर को एक्सेप्ट करते हैं उसे गले से लगा लेते हैं क्योंकि उन्हें पता है की सक्सेस का रास्ता सीधा नहीं होता छोटी-मोटे फैलियर्स एक बड़ी सक्सेस के लिए आपको ट्रेन करते हैं। साथी फैलियर को देखे बिना आपको एक सच्ची सक्सेस का एक्सपीरियंस नहीं हो सकता।  ऐसे लोग यह जानते हैं कि फेल होना हमें यह सिखाता है कि हमें कोई चीज कब नहीं करनी है कौन सा रास्ता हमें नहीं चुना है। सबसे बड़ी सक्सेस आम तौर पर तब मिलती है जब आप सबसे अधिक disappointed और सबसे अधिक खोए हुए महसूस करते हैं।  यह हताशा ही है जो आपको अलग तरह से सोचने, कंफर्ट जोन से बाहर देखने और उस सॉल्यूशन तक पहुंचने के लिए मजबूर करती है जिसे आप मिस कर रहे हैं।

7. वे मिस्टेक्स पर ध्यान नहीं देते बल्कि उससे सीखते हैं

इमोशनली और मेंटली स्ट्रांग लोग जानते हैं कि आप जहां अपना फोकस रखते हैं रिजल्ट भी वैसा ही होता हैं।  जब आप उन प्रॉब्लम्स पर फोकस करते हैं जिनका आप सामना कर रहे हैं, तो आप नेगेटिव इमोशंस और स्ट्रेस पैदा करते हैं और उसे बढ़ाते हैं, जो परफॉर्मेंस पर नेगेटिव इफेक्ट डालता है।  जब आप खुद को और अपनी सिचुएशन को बेहतर बनाने के लिए फोकस  करते हैं, तो आप पॉजिटिव सेल्फ रिफ्लेक्शन पैदा करते है जिससे आपकी performance में सुधार होता है। इमोशनली और मेंटली रूप से स्ट्रांग लोग अपनी गलतियों से दूरी बना लेते हैं इसका मतलब यह नहीं है कि वह उन्हें भूल ही देते हैं बल्कि इसका नेगेटिव असर अपने ऊपर आए दिए बिना उस से सीखते हैं ।

8. वे खुद को दूसरों से कंपेयर नहीं करते

इमोशनली और मेंटली स्ट्रांग लोग दूसरे लोगों को जज नहीं करते क्योंकि वे जानते हैं कि हर किसी के पास देने के लिए कुछ न कुछ है, और उन्हें खुद को लेकर अच्छा महसूस करने के लिए दूसरे लोगों को नीचा दिखाने की जरूरत नहीं है।  वे जानते है कि दूसरे लोगों से अपने आप को कंपेयर करना खुद के लिए ही लिमिट सेट करने जैसा हैं । ऐसे लोग अच्छी तरह जानते हैं कि जेलॉसी और कंपेरिशन आपके सेल्फ एस्टीम पर बुरा असर करते हैं; साथ ही पॉजिटिव एनर्जी को खतम करते हैं। ऐसे लोग दूसरों को पैमाने पर जज करने या खुद को किसी और के पैमाने पर खरा उतरने के बारे में नहीं सोचते। दूसरों से जलने के बजाय उनकी तारीफ करने में यह लोग भरोसा करते हैं।

9. ऐसे लोग एक्सरसाएज करते हैं

ईस्टर्न ओंटारियो रिसर्च इंस्टीट्यूट में कि गई एक रिसर्च बताती हैं कि जो लोग 10 वीक तक वीक में दो बार एक्सरसाइज करते हैं, वे सोशल, इंटेलिजेंस और एथलेटिक रूप से ज्यादा एक्टिव और एलिजिबल फील करते हैं। ऐसे लोगों ने अपनी पर्सनालिटी और सेल्फ रिस्पेक्ट को भी ऊंचा रखा है। 

10. वे अच्छी और पूरी नींद लेते हैं

अपने इमोशंस को कंट्रोल में रखने और खुद को मेंटली टू बनाने के लिए सही और पूरी नींद लेना कितना जरूरी है यह इन लोगों को बड़े अच्छे से पता होता है। इस बात को साइंस भी प्रूफ कर चुका है कि खराब और अधूरी नींद आपके सोचने समझने की क्षमता को नुकसान पहुंच जाती है साथ ही आप फोकस भी नहीं कर पाते। इमोशनली और मेंटली स्ट्रांग लोग  जानते हैं कि जब उन्हें पूरी – या सही तरह की – नींद नहीं मिलती है तो उनका सेल्फ कंट्रोल, फोकस और मेमोरी कम हो जाती है, इसलिए वे गुणवत्तापूर्ण नींद को प्रायोरिटी देते हैं।

11.  वे हमेशा पॉजिटिव रहते हैं

खुद के साथ एक एक्सपेरिमेंट करें एक लंबे टाइम तक आने वाली न्यूज़ पर अपनी नज़रें बनाए रखें आप यह खुद नोटिस करेंगे की लड़ाई झगड़ा वायलेंस नाजुक इकोनामी फेल हो चुकी कंपनी और एनवायर्नमेंटल क्राइसिस ऐसी चीज 24 घंटे दिखना आम बात है। इतना सब देखकर यह सोचना नॉर्मल है कि दुनिया तेजी से खतम होने के रास्ते जा रही है। आप खुद को नोटिस करेगा खुद भी इस तरह का सोचने लगेंगे।  लेकिन मेंटली और इमोशनली स्ट्रॉन्ग लोग इस बारे में स्ट्रेस नहीं करते क्योंकि वे उन चीजों में नहीं फंसते जिन्हें वे कंट्रोल नहीं कर सकते।  रातोरात रिवोल्यूशन शुरू करने की कोशिश करने के बजाय, वे अपनी एनर्जी अपनी ग्रोथ और सही एफर्ट लगने पर डालते हैं।

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